समय का महत्व

समय का महत्व

समय का महत्व
समय_का_महत्व

कविता- समय का महत्व इस संसार मंे, सबसे क़ीमती वस्तु समय है। कहते हैं- समय बहुत बलवान एवं क्रूर है। समय किसी का इन्तज़ार नहीं करता, जो घटना होता है, वह घट कर ही रहता है। जो लोग, समय को पहचानते हैं, समय के साथ चलते हैं, वे आगे बढ़ जाते हैं, जो समय के साथ नहीं चल पाते, वे पिछड़ जाते हैं। सारा खेल समय का है। समय को पहचानकर उपलब्ध अवसर को लपक लेना, चलती हुई गाड़ी में छलांग लगाकर चढ़ने जैसा है। जो ऐसा करने में सफल हो जाते हैं वे कामयाब व्यक्तित्व कहे जाते हैं। और जो इस दौड़ में पिछड़ जाते हैं, वे नाकामयाब हो जाते हैं। जो समय का उचित नियोजन करते हैं, वे हर समय तनावमुक्त एवं व्यवस्थित रहते हैं, जो समय का नियोजन नहीं करते, वे हर समय अस्त-व्यस्त एवं तनावग्रस्त रहते हैं। खोई हुई दौलत फिर कमाई जा सकती है, खोया हुआ स्वास्थ्य, उचित दवाई लेकर वापस प्राप्त किया जा सकता है, परन्तु गया हुआ समय पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। जिस प्रकार, धन देकर हम वांछित वस्तु या सुख-सुविधा खरीद सकते हैं, उसी प्रकार समय खर्च कर हम आपसी सम्बन्ध, विद्या, बुद्धि, लक्ष्मी, कीर्ति, आरोग्य आदि प्राप्त कर सकते हैं। समय जीवन है, समय पानी है, वह कभी नहीं रुकता। उसकी प्रवृत्ति सिर्फ चलना है। वह बहुत मूल्यवान है। जो इसे जानता है, वह इसे सोच-समझकर खर्च करता है और उसके बदले बहुत कुछ प्राप्त कर लेता है। आपका भविष्य कैसा होगा? सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने समय का उपयोग कैसे करते हो? जो व्यस्त होता है, उसके पास सबसे ज्यादा समय होता है। जब हम यह कहते हैं कि हमारे पास समय नहीं है इसका मतलब, हम समय का- उचित प्रबन्धन नहीं कर रहे हैं। समय दें सोचने के लिये - यह शक्ति का स्त्रोत है। समय दें खेलने के लिये - यह यौवन का रहस्य है। समय दें पढ़ने के लिये - यह ज्ञान का फव्वारा है। समय दें कार्य के लिये - यह सफलता की कुंजी है। समय दें मित्रता के लिये - यह आनंद की राह है। समय दें परिवार के लिये - यह खुशी का भण्डार है। समय दें पर्याप्त नींद के लिये - यह स्वास्थ्य की कुंजी है। समय दें व्यक्तित्व विकास के लिये - यह जीवन जीने की कला है। अधिकांश व्यक्तियों के शारीरिक- मानसिक रोगों के होने का भी मूल कारण उनके समय का कुप्रबन्ध ही होता है। आओ हमसब समय का महत्व समझंे, यह जान लें और ठान लें कि बहुत हुई समय की बर्बादी, अब नहीं होगी एक मिनट की भी बर्बादी। अब सारे समय का उपयोग होगा। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में, कुछ करके हासिल करने में। सबके सुख में सबके कल्याण में। लेखक डाॅक्टर अशोक कुमार गदिया कुलाधिपति मेवाड़ विश्वविद्यालय चित्तौड़गढ़, राजस्थान