सफलता का रहस्य (द्वितीय संस्करण)

जीवन को पूर्णता से जियें। जीवन के हर आयाम को जीने का प्रयास करिये। यह ईष्वर की सबसे अनमोल भेंट है। अतः हर उम्र में जो अच्छा है, उसे प्राप्त करिये और उसका आनंद लीजिए। बचपन में बचपन के आनन्द लीजिये, जवानी में जवानी के आनन्द लीजिये। प्रौढ़ावस्था में प्रौढ़ता का आनन्द लीजिये तथा वृद्धावस्था में वृद्धावस्था के आनन्द लीजिये। आपको यह पता होना चाहिये कि हर अवस्था के आनन्द क्या हैं? दूसरा, जीवन का असली अर्थ क्या है? यहाँ आये हो तो कुछ कर जाओ, जिसे लोग याद करें। अपने आपको और अपने बच्चों को तो हर किसी ने पाला। आपने देष, समाज एवं मानवता के लिये क्या किया? प्रकृति के लिए क्या किया? उससे आपके जीवन जीने का सही अर्थ समझ आयेगा। यदि आपने कुछ किया है तो जीवन का सही मतलब है, आपने अच्छा जीवन जिया वर्ना आप तो इस पृथ्वी पर व्यर्थ में बोझ ही थे। इस सन्दर्भ में कबीर दास जी ने ठीक कहा- ’’कबिरा हम पैदा हुए, जग हँसे, हम रोये ऐसी करनी कर चलो, हम हँसें, जग रोये।’’ डॉ. अशोक कुमार गदिया।

सफलता का रहस्य (द्वितीय संस्करण)
सफलता का रहस्य (द्वितीय संस्करण)