This is a message to young law students

जिंदगी के 9 सबक

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जिंदगी के 9 सबक

जिंदगी के 9 सबक
1- हमेशा उदार व मधुर व्यवहार अपनाना।
2- बड़ों का सदा सम्मान करना। कोर्ट रूम में अपने सीनियर वकील, महिलाओं व बुजुर्गों को पहले सीट देना।
3- कभी किसी जज या सीनियर वकील ने आपको डांटा-फटकारा या आपकी बुराई की तो आप दूसरे के सामने उनकी कभी बुराई मत करना। उन्हें अपशब्द नहीं बोलना। सारी कड़वाहट, बुराई, डांट-फटकार खुद पी जाना।
4- अपने क्लाइंट के प्रति हमेशा ईमानदार व वफादार रहना। सबको एक समान समझना। कम या ज्यादा फीस के हिसाब से अपने काम की गुणवत्ता में कभी हल्कापन या कमी मत लाना।
5- लाॅ आॅफ लिमिटेशन का हमेशा ध्यान रखना। उन्हें दिमाग में नहीं उंगलियों पर गिनना।
6- किसी भी केस को हाथ में लो तो उसे दस-बारह बार पढ़ना। तथ्य जुटाना और उनके आधार पर कानून की धाराओं का इस्तेमाल कर सुंदर शब्दों में सारगर्भित प्रस्तुतिकरण तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत करना। देखना आपका प्रभाव जज पर जरूर पड़ेगा।
7- हमेशा देशभक्त बनना। समाज के प्रति जवाबदेह रहना। संवेदनशील बनकर रहना। अपने देश, समाज, मां-बाप, शिक्षक व शिक्षण संस्थान को कभी मत भूलना।
8- कानून के करियर में दाल-रोटी तो मिलेगी मगर रोजाना मिठाई खाने को नहीं मिलेगी। इसलिए अपने ऊपर भरोसा रखना। शाॅर्टकट कभी मत अपनाना। मेहनत करना। मेरे गुरु सिखा गये हैं कि जो काम शुरू में करोगे, उसमें से मात्र दस प्रतिशत आपको मेहनताना मिलेगा। इसके बाद मेहनताने का प्रतिशत बढ़ने लगेगा। एक समय बाद आपको अपनी मेहनत का कई गुणा मिलने लगेगा। इसलिए धैर्य मत खोना। सहनशील बने रहना।
9- मेहनत व ईमानदारी का रास्ता लम्बा जरूर होता है। संघर्ष भी खूब करना पड़ता है। मगर हिम्मत मत हारना। अपनी ईमानदारी बरकरार रखना। मंजिल जरूर मिलेगी।
-डॉ अशोक कुमार गदिया, चेयरमैन मेवाड़ यूनिवर्सिटी