भारतीय अर्थव्यवस्था एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था जहां की लगभग 60 से 70 % आबादी सीधे कृषि से सम्बद्ध गतिविधियों में सम्मिलित है। किसान दिवस का आयोजन देश व समाज में उनके द्वारा किये गये योगदानों को याद करने के एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के अभूतपूर्व योगदान के सन्दर्भ में हर साल 23 दिसम्बर को मनाया जाता है।
मेवाड़ विश्विद्यालय में किसान दिवस पर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कृषि संकाय द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत उप संकाय अध्यक्ष डॉ. गौतम धाकड़ ने अतिथियों के स्वागत से की।
कार्यक्रम में कृषि विभाग चित्तौड़गढ़ से श्री दिनेष कुमार जागा (परि. निदेषक-आत्मा), सहायक कृषि अधिकारी श्री कुलदीप सिंह राणावत, श्री कान सिंह, श्रीमती लाड कुमारी शर्मा एवं कृषि पर्यवेक्षक श्री मनराज यादव, श्री धर्मराज धाकड़, श्री जीतराम धाकड़, श्री मनराज धाकड़, श्री शंकर बैरवा, श्री प्रकाष कुमावत, वरिष्ठ पशु चिकित्सक श्री सुरेष ढोले आदि के साथ-साथ आस-पास के गांवों से कई किसानों ने भाग लिया। इन किसानों में श्री शम्भूलाल जाट, श्री नन्द लाल गुर्जर, श्री प्रभु लाल सालवी, श्री हीरा लाल अहीर, श्री भैरू दास, श्री अमृत लाल, श्री नारायण गुर्जर, श्री उदयलाल गुर्जर, श्री देवी लाल शर्मा, श्री राजेन्द्र कुमार जाट, श्री भवानीराम जाट, श्री ऊंकार लाल जाट, श्री मांगी लाल बैरवा, श्री किशन लाल माली आदि प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्विद्यालय के माननीय कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने की। उन्होने कृषि विभाग के अधिकारियों तथा क्षेत्र के किसानों का विश्विद्यालय में आने पर प्रसन्नता जाहिर की एवं किसानों की कई समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुऐ विश्विद्यालय के कृषि शोधार्थियों को किसानों की आय बढ़ाने सम्बन्धी अन्वेषण करने हेतु आह्वान किया। इसके सम्बन्ध में उन्होने सुझाव दिया कि ग्राम स्तर पर सहकारी समितिया एवं कोल्ड स्टोरेज की स्थापना कर एक साथ मिलकर खेती करें तो खर्चा कम होकर आय को बढ़ाया जा सकता है।