‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्णिम यात्रा’’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 24 से 25 सितम्बर भारतीय इतिहास संकलन समिति, राजस्थान विश्वविद्यालय...
‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्णिम यात्रा’’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 24 से 25 सितम्बर भारतीय इतिहास संकलन समिति, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) एवं मेवाड़ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में होगा आयोजन
‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्णिम यात्रा’’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 24 से 25 सितम्बर
भारतीय इतिहास संकलन समिति, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) एवं मेवाड़ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में होगा आयोजन
चित्तौड़गढ़ 22 सितम्बर। आज सम्पूर्ण भारतवर्ष स्वतंत्रता का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया के सानिध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। ‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की स्वर्णिम यात्रा (विशेषतः मेवाड़ के संदर्भ में)’’ विषय पर दिनांक 24-25 सितम्बर, 2022 को आयोजित होने वाली संगोष्ठी मेवाड़ विश्वविद्यालय गंगरार, भारतीय इतिहास संकलन समिति एवं राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के सहयोग से आयोजित की जाएगी।
संगोष्ठी अध्यक्ष डॉ. लोकेन्द्रसिंह चुण्डावत ने बताया कि सामान्यतः भारत के स्वतंत्रता का कालखण्ड 1857 से लेकर गोवा मुक्ति तक माना जाता है। किन्तु वास्तविकता में यह संघर्ष हजारों वर्षों से चल रहा है। महाराजा पोरस, सम्राट अशोक, महाराजा रणजीत सिंह, महाराणा संग्राम सिंह, महाराणा कुम्भा, महाराणा प्रताप, छात्रपति शिवाजी जैसे अनेक नाम है जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता के लिए आक्रान्ताओं को लोहे के चने चबवाये। अनेकों ऐसी ऐतिहासिक घटनाए है जिनकी जानकारी हमें है ही नहीं या हमें भ्रामक रूप से बताई गई है।
संगोष्ठी के संयोजक डॉ. पीयूष शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी में कुल 12 विषयों पर शोध पत्र आमंत्रित किए गए है। इन सभी विषयों को तीन श्रेणीयों में विभाजित किया गया है। जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर दो विषय ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं का योगदान’’ एवं ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति समाज का योगदान’’, राजस्थान राज्य स्तर पर एक विषय ‘‘स्वतंत्रता संग्राम व किसान आन्दोलन’’, तथा विशेषतः मेवाड़ के सन्दर्भ में ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में मेवाड़ के अप्रकाशित पहलू’’, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय शिक्षा एवं शिक्षण संस्थानों का योगदान’’, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम के भ्रामक पहलू’’, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम एवं समाज सुधार हेतु किए गए प्रयास’’, ‘‘मेवाड़ में क्रान्तिकारी संघर्ष एवं आश्रय स्थल’’, ‘‘मेवाड़ के सन्दर्भ में प्रजापमण्डल आन्दोलन’’, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका’’, ‘‘हैदराबाद विलय में मेवाड़ की भूमिका’’, ‘‘मेवाड़ का भारत में विलय’’ आदि विषय सम्मिलित है। समस्त विषयों पर भारत के विभिन्न प्रान्तों से शोधपत्र प्राप्त हो रहे है। इन शोधपत्रों को गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है तथा संगोष्ठी के पश्चात् शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा।
मेवाड़ विश्वविद्यालय के अकादमिक निदेशक ध्वजकीर्ति शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। समस्त समितियों की बैठक आयोजित कर सभी को कार्यानुसार आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। प्रतिभागी अपना रजिस्ट्रेशन विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर कर सकते हैं।